मस्त आंखे जरा उठाओ तो
मयकदे को दुल्हन बनाओ तो
जो भी गुजरेगी हमपे गुजरेगी
तुम नज़र से नज़र मिलाओ तो
आंख से आंख मिलाओ
तो कोई बात बने
हमसे जाना आंख से आंख मिलाओ
शेर-
मूह को छुपाना था तुम्हे पहले ही रोज़
अब किया पर्दा तो क्या पर्दा किया
हमसे जाना आंख से आंख मिलाओ
शेर-
कब तक रहोगे मुह को छुपाए नकाब में
कब तक रहेगा चाँद सा चेहरा हिजाब में
हमसे जाना आंख से आंख मिलाओ
प्यार की वारदात होने दो
कुछ तो ऐसे हालात होने दो
लब से गर बात कर नहीं सकते
आँखों आँखों में बात होने दो
हमसे जाना आंख से आंख मिलाओ
आंख से आंख मिलाओ
तो कोई बात बने
रुख से जुल्फों को हटाओ
तो कोई बात बने
आंख से आंख मिलाओ
तो कोई बात बने
तीर छुप छुप के चलाने से भला क्या हासिल
बेझिझक सामने आओ तो कोई बात बने
बेझिझक सामने आओ तो कोई बात बने
सुरमा आँखों में लगाने से नहीं होता श्रींगार
मेहंदी हाथो में लगाओ तो कोई बात बने
मेहंदी हाथो में लगाओ तो कोई बात बने
जाम भर भर के तो हम रोज़ पिया करते है
आज नजरो से पिलाओ तो कोई बात बने
आज नजरो से पिलाओ तो कोई बात बने
ऐ फ़ना झूम के आने लगे काले बादल
बज्म-ए-मयखाना सजाओ तो कोई बात बने
बज्म-ए-मयखाना सजाओ तो कोई बात बने
आंख से आंख मिलाओ तो कोई बात बने