हम देखेंगे (सरगम)
हम देखेंगे
सा ऩि सा रेे ग सा
लाजिम है कि हम भी देखेंगे
सा ग ग ग ग ग म ग ग रे ग म सा
वो दिन कि जिस का वादा है
ग म प नि नि, नि प सां नि ध प ध ग
जो लौह-ए-अजल में लिख्खा है
ग म प नि नि, नि प सां नि ध प ध ग
हम देखेंगे
सा ऩि सा रेे ग सा
जब जुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गिराँ
सा ग, ग ग, ग ग म ग, रे ग म सा
हो.........
सा प म ग
रूई की तरह उड़ जाएँगे
ग म प नि नि, नि प सां नि ध प ध ग
हम महकूमों के पाँव-तले
ग ग, ग ग म ग, रे ग म सा
जब धरती धड़-धड़ धड़केगी
ग म प नि नि, नि प सां नि ध प ध ग
और अहल-ए-हकम के सर-ऊपर
ग म प नि नि नि नि नि ध नि सां सां
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी
सां रें नि नि ,ध ध ,प म ग रे सा ऩि
हम देखेंगे
सा ऩि सा रेे ग सा
हम देखेंगे (CHORDS)
(E)हम देखेंगे
(E)हम देखेंगे
ला(E)जिम है कि हम भी (A)देखेंगे
(E)हम देखेंगे
(E)वो दि(B)न कि जिस का (A)वादा (E)है
(E)जो लौह(B)-ए-अजल में (A)लिख्खा (E)है
(E)हम देखेंगे
जब (E)जुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गिराँ....(E)..
(E)रूई (B)की तरह उड़ (A)जाएँगे (E)
(E)हम महकूमों के पाँव-तले....(E)..
(E)जब (B)धरती धड़-धड़ (A)धड़केगी(E)
(E)और अह(B)ल-ए-हकम के (A)सर-ऊपर
(A)जब (D)बिजली (A)कड़-कड़ (E)कड़केगी
(E)हम देखेंगे
हम देखेंगे
लाजिम है कि हम भीदेखेंगे
वो दिन कि जिस का वादा है
जो लौह-ए-अजल में लिख्खा है
जब जुल्म-ओ-सितम के कोह-ए-गिराँ
रूई की तरह उड़ जाएँगे
हम महकूमों के पाँव-तले
जब धरती धड़-धड़ धड़केगी
और अहल-ए-हकम के सर-ऊपर
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी
जब अर्ज-ए-खु़दा के काबे से
सब बुत उठवाए जाएँगे
हम अहल-ए-सफा मरदूद-ए-हरम
मसनद पे बिठाए जाएँगे
सब ताज उछाले जाएँगे
सब तख़्त गिराए जाएँगे
बस नाम रहेगा अल्लाह का
जो गाएब भी है हाजिर भी
जो मंजर भी है नाजिर भी
उट्ठेगा अनल-हक का नारा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
और राज करेगी ख़ल्क-ए-ख़ुदा
जो मैं भी हूँ और तुम भी हो
- फैज़ अहमद फैज़
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