औरतें उठी नहीं तो,

 

औरतें उठी नहीं तो,

जुल्म बढ़ता जाएगा।

जुल्म करने वाला सीना,

जोर बनता जाएगा।।

 

देखो इन सब औरतों को आ गई है सामने,

इनके संग मिल जाओ तो सैलाब रुकना पाएगा।

जुल्म करने वाला सीना जोर बन न पाएगा।।

औरतें उठी नहीं तो........

 

दिल में जो डर का किला है तोड़ दो अंदर से तुम,

एक ही धक्के से हमारे खुद ही ये ढह जाएगा।

जुल्म करने वाला सीना जोर बन न पाएगा।।

औरतें उठी नहीं तो............

 

आओ मिलकर हम लड़े हक अपने छीन ले,

काफिला जो चल पड़ा है अब न रुकने पाएगा।

जुल्म करने वाला सीना जोर बन न पाएगा।।

औरतें उठी नहीं तो.........

सृष्टि बीज का नाश न हो, हर मौसम की तैयारी है

 

 

सृष्टि बीज का नाश न हो, हर मौसम की तैयारी है

कल का गीत लिए होठों पर, आज लड़ाई जारी है

आज लड़ाई जारी है

हर आँगन का बूढा सूरज परचम–परचम दहक उठा

काल सिंधु का ज्वार परिश्रम के फूलों में महक उठा

ध्वंस और निर्माण जवानी की निश्चल किलकारी है

कल का गीत लिए होंठों पर, आज लड़ाई जारी है

आज लड़ाई जारी है

धरती की निर्मल इच्छा का ताप गुलमुहर उधर खिला

परिवर्तन  की अंगडाई का स्वप्न फसल को इधर मिला

नील गगन पर मृत्युहीन नवजीवन की गुलकारी है

कल का गीत होंठों पर, आज लड़ाई जारी है

आज लड़ाई जारी है

जंजीरों से छुब्ध युगों के प्रणय गीत सी रणभेरी

मुक्ति प्रिया की पगध्वनि लेकर घर–घर लगा रही फेरी

हर नारे में महाकाव्य के सृजनकर्म की बारी है

कल का गीत लिए होठों पर, आज लड़ाई जारी है

आज लड़ाई जारी है

-महेश्वर

यह कौन नहीं चाहेगा उसको मिले प्यार

यह कौन नहीं चाहेगा उसको मिले प्यार

 

यह कौन नहीं चाहेगा भोजन-वस्त्र मिले

 

यह कौन न सोचेगा हो छत सर के ऊपर

 

बीमार पड़ें तो हो इलाज थोड़ा ढब से

 

बेटे-बेटी को मिले ठिकाना दुनिया में

 

कुछ इज़्ज़त हो, कुछ मान बढ़े, फल-फूल जाएँ

 

गाड़ी में बैठें, जगह मिले, डर भी न लगे

 

यदि दफ़्तर में भी जाएँ किसी तो न घबराएँ?

 

अनजानों से घुल-मिल भी मन में न पछताएँ।

 

कुछ चिंताएँ भी हों, हाँ कोई हरज नहीं

 

पर ऐसी नहीं कि मन उनमें ही गले घुने

 

हौसला दिलाने और बरजने आस-पास

 

हो संगी-साथी, अपने प्यारे, ख़ूब घने।

 

पापड़-चटनी, आँचा-पाँचा, हल्ला-गुल्ला

 

दो-चार जशन भी कभी, कभी कुछ धूम-धाँय

 

जितना संभव हो देख सकें, इस धरती को

 

हो सके जहाँ तक, उतनी दुनिया घूम आएँ

 

 

यह कौन नहीं चाहेगा?

 

 

पर हमने यह कैसा समाज रच डाला है

 

इसमें जो दमक रहा, शर्तिया काला है

 

वह क़त्ल हो रहा, सरेआम चौराहे पर

 

निर्दोष और सज्जन, जो भोला-भाला हे

 

किसने आख़िर ऐसा समाज रच डाला है

 

जिसमें बस वही दमकता है, जो काला है?

 

मोटर सफ़ेद वह काली है

 

वे गाल गुलाबी काले हैं

 

चिंताकुल चेहरा-बुद्धिमान

 

पोथे क़ानूनी काले हैं

 

आटे की थैली काली है

 

हर साँस विषैली काली हे

 

छत्ता है काली बर्रों का

 

वह भव्य इमारत काली है

 

कालेपन की वे संतानें

 

हैं बिछा रहीं जिन काली इच्छाओं की बिसात

 

वे अपने कालेपन से हमको घेर रहीं

 

अपना काला जादू हैं हम पर फेर रहीं

 

बोलो तो, कुछ करना भी है

 

या काला शरबत पीते-पीते मरना है?


दरिया की कसम मौजों की कसम

 

दरिया की कसम मौजों की कसम

यह ताना बाना बदलेगा

तू खुद को बदल तू खुद को बदल

तब ही तो जमाना बदलेगा...

 

तू चुप रहकर जो सहती रही, तो

क्या यह जमाना बदलेगा ....

तू बोलेगी मुंह खोलेगी

तब ही तो जमाना बदलेगा

 

दरिया की कसम ...

 

दस्तूर पुराने सदियों के

वे आये कहाँ से क्यों आये...

कुछ तो सोचो

कुछ तो समझो

यह क्यों तुमने अपनाएं हैं

 

दरिया की कसम ...

 

यह पर्दा तुम्हारा कैसा है

क्या यह मजहब का हिस्सा है .....

कैसा मजहब किसका पर्दा

यह सब मर्दों का हिस्सा है

 

दरिया की कसम .....

 

आवाज़ उठा कदमो को मिला

रफ़्तार जरा कुछ और बढ़ा

उत्तर से उठो दक्षिण से उठो

पूरब से उठो पश्चिम से उठो

फिर सारा ज़माना बदलेगा

 

दरिया की कसम ....

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"हुन पियाला रख दे इक पासे, आज नज़रां नाल पिला साकी"



" साकी तेरे दर दे उते

आये मस्त दीवाने

तेरे ना दियां धुमान पैयां

सारे विच ज़माने


सब नु साकी मस्त बना दे

पर पर दे पेमाने

नज़रां नाल पिला दे सानूं

खोल दे आज मैखाने"


हुन पियाला रख दे इक पासे

आज नज़रां नाल पिला साकी!

हुन पियाला रख दे इक पासे

आज नज़रां नाल पिला साकी!


साड़ा रोज़ दा पीना मुक जावे

आज ऐसा नशा चढ़ा साकी


नशा पाकदा नि उन जामां थी

पुरा पर केह नज़रां दा जाम पिला

करीन ख़याल न साडी मस्ती दा

आज जाम ते जाम लूटा साकी


कोई नशा नई ऐ एस शराब अंदर

मेरे साकी! मेरे साकी!

कोई नशा नई ऐ ऐस शराब अंदर

सारा नशा ए तेरियां नज़रां विच

हस हस केह नैना दे जाम पिला

आज मथे उत्ते वट न पा साकी


तेरे बहुत पुराने गाहक हां

आज नवे नई पीवन् आए हां

नया रख ले जाम पिआले विच

अल्लाह नावे होर पिला साकी



मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं

जाम नाल नई , बल्के नज़रां नाल

मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं



ऐसी मैं पिला दे साकी होश-ओ-खिर्द भूला दे

सद्का मैखाने दा साकी आज गुलामे ला दे

जिन्नय आज दीवाने आए सब नु मस्त बना दे

जे पियाला वेल्ला नहीं, बुक्कां नाल पिला दे


मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं


साकिया सुन ले मैं तौहीद दा, मैं हां मस्त शराबी

जेड़ी मर्ज़ी दे दे मैनूं मांगदा नई गुलाबी

तू नई वेल्ला मैनूं दे दे मैखाने दी चाबी

अय गल मेरी सुनले साकी, मैं तां नहीं वाहाबी


मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं


रिंदां दा मैखाने बाज्जों, हुंदा नई गुज़ारा

वसदा रवाय मैखाना तेरा, उज़ड जावे जग सारा

लोकां नु बदमस्त बनावे, सनु लावे लारा

कण कोल केह सुन ले साकी, वड्डेया ठेक-ए-दारा!


मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं


सोहनी मैं, सोहना मैखाना, सोहना तूं वी साकी।

अस्सी तेरे ऐं गाहक पुराणे, साथों क्यूं हैं आकी।

मस्त अलस्त "रफ़ीक" नु करदे होश रहे न बाक़ी।

दे शराब मना मुन साकी, दे न पा छट्टाकी।



मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं ।


सुन के आया दूरों साकी, करम नवाज़ी तेरी।

शौक शराब दा, मैंनूं साकी, लग्गी सी गंधेरी।

मुं नूं लग गई छुटदी नाहीं, तौबा करां बथेरी।

वेख केह तेरियां मस्त निगाहं, लुट गई तौबा मेरी।


मैं ते पीनी ऐं , पीनी ऐं , मैं ते पीनी ऐं ।


नया रख ले जाम पिआले विच,

अल्लाह नावे होर पिला साकी।

आज ऐसा "रफ़ीक" नु घट कर दे,

मस्ती विच हँसती पुल जावाँ।

तेरे मैखाने दी खैर होवे,

आज ऐसा मस्त बना साकी।


हुन पियाला रख दे इक पासे,
आज नज़रां नाल पिला साकी!



खाली दिल नहीं जान भी मंगदा  


" इश्क़ है पानी का एक कतरा
कतरे में तूफ़ान
एक हाथ में अपना दिल रख ले
एक हाथ में रख ले जान "


खाली दिल नइये जान वि यह मंगदा
खाली दिल नइये जान वि यह मंगदा हाय

इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा
इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा


खाली दिल नइये जान वि यह मंगदा
खाली दिल नइये जान वि यह मंगदा हाय

इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा
इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा


जोगियों के पीछे जैसे जोग लग जाता है
प्रेमियों को प्रेम वाला रोग लग जाता है

जोगियों के पीछे जैसे जोग लग जाता है
प्रेमियों को प्रेम वाला रोग लग जाता है


लाख बचाये दामन लोग लग जाता है
लाख बचाये दामन लोग लग जाता है

दिल पे आशिक़ों के निशान इस रंगदा
दिल पे आशिक़ों के निशान इस रंगदा हाय


इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा
इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा

दुश्मन है दिल का ऐसा मन का यह मीत है
जग से निराली इस खेल की रीत है
दुश्मन है दिल का ऐसा मन का यह मीत है
जग से निराली इस खेल की रीत है


जीत में हार है हार में जीत है
जीत में हार है हार में जीत है

इश्क़ इश्क़ है मैदाने नहीं जंग दा
इश्क़ इश्क़ है मैदाने नहीं जंग दा
हाय

इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा
इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा


नाम है दीवाना दूजा नाम न कोई
नाम है दीवाना दूजा नाम न कोई

प्यार के जैसा बदनाम नहीं कोई
प्यार के जैसा बदनाम नहीं कोई

इश्क़ से बड़ा इलज़ाम नहीं कोई
इश्क़ से बड़ा इलज़ाम नहीं कोई

इश्क़ आशिक़ानो सूलियों पे टंगदा
इश्क़ आशिक़ानो सूलियों पे टंगदा
हाय


इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा
इश्क दी गली विच कोई कोई लंगदा