यूँ ही कट जाएगा सफ़र

यूँ ही कट जाएगा सफ़र साथ चलने से

के मंजिल आएगी नज़र साथ चलने से


हम हैं राही प्यार के चलना अपना काम

पलभर में हो जायेगी हर मुश्किल नाकाम

हौंसला ना हारेंगे, हम तो बाज़ी मारेंगे

यूँ ही कट जाएगा सफ़र


कहती हैं ये वादियाँ बदलेगा मौसम

ना कोई परवाह है खुशियाँ हो या गम

आँधियों से खेलेंगे, दर्द सारे झेलेंगे

यूँ ही कट जाएगा सफ़र


मेहनत के आगे सभी तकदीरें बेकार

होती उसकी जीत है जो न माने हार

रात जब ढल जाती, सुबह सुहानी आती है

यूँ ही कट जाएगा सफ़र

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