ए भगत सिंह तू ज़िंदा है


ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 
(सरगम )

ए भगत सिंह तू ज़िंदा है

सा सा म म ग रे सा सा 

हर एक लहू के कतरे में ,

सा रे   ऩि सा रे ग  रे सा सा 

हर एक लहू के कतरे में 

सा म म म ग प प प म 

इंक़लाब के नारे में 

ध      नि   प प 

हर एक लहू के कतरे में

सा म म म ग प प प म

इंक़लाब के नारे में

म ग रे  सा सा सा रे 

ए भगत सिंह तू ज़िंदा है  ... 



तूने तो तब भी बोला था 

सा ऩि सा रे   रे    रे   रे   रे 

ये आजादी नहीं धोखा है 

सा ऩि सा रे   ग  रे सा सा 

ये पूरी मुक्ति नहीं है यारों 

सा ऩि सा रे   रे    रे   रे   रे  , प   

गोरों के संग सौदा है 

प  रे  रे    रे   सा सा 

इस झूठे जश्न की रौनक में 

सा म म म ग प प प म

फँसे हुए किसानों में 

ध      नि   प प 

फँसे हुए किसानों में 

ध      नि   प प

सोए हुए  जवानों में 

म ग रे   ऩि  ऩि सा रे 

ए भगत सिंह तू ज़िंदा है..... 
..... 
ए भगत सिंह तू ज़िंदा है (CHORDS)

(A)....... ए भगत सिं(A#)ह तू ज़िंदा है(A) 
(A#)हर एक लहू के कत(A)रे में ,
(A#)हर एक लहू के कत(A)रे में ,
(D)हर एक लहू के क(A)तरे में 
(Dm)इंक़लाब के (A)नारे में 
(Dm)इंक़लाब के (A)नारे में
(A#)इंक़लाब के नारे में 
(A)....... ए भगत सिं(A#)ह तू ज़िंदा है(A)

(A)....... तू(A#)ने तो तब भी बोला था 
(A)ये आजादी नहीं धोखा है 
(A).....ये (A#)पूरी मुक्ति नहीं है यारों 
(A)गोरों के संग सौदा है 
(D)इस झूठे जश्न की (A)रौनक में 
(D)इस झूठे जश्न की (A)रौनक में 
(Dm)फँसे हुए कि(A)सानों में 
(Dm)फँसे हुए कि(A)सानों में 
(A#)सोए हुए  जवानों में 
(A)....... ए भगत सिं(A#)ह तू ज़िंदा है(A)

ए भगत सिंह तू ज़िंदा है (LYRICS)

ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 
हर एक लहू के कतरे में ,
हर एक लहू के कतरे में 
इंक़लाब के नारे में 
इंक़लाब के नारे में 
ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 

तूने तो तब भी बोला था 
ये आजादी नहीं धोखा है 
ये पूरी मुक्ति नहीं है यारों 
गोरों के संग सौदा है 
इस झूठे जश्न की रौनक में 
फँसे हुए किसानों में 
सोए हुए  जवानों में 
ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 

इतिहास में भी हम भूखे थे 
और आज भी ठोकर खाते हैं 
जिस खादी पर रक्खा भरोसा 
वो आज भी धोका देते हैं 
कोई राम नाम बलिहार पुकारे 
आज भी जानें लेते हैं 
अब याद है भगता तेरी आती 
आग लगी है सीनें में 
ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 

अंधेरों का ये तख़्त हमें
 ताकत से अब ठुकराना   है 
हर साँस जहाँ लेगी उड़ान 
उस लाल सुबह को लाना है 
शहीदों की राह पर मर मिटने की 
क्रांतिकारी उमीदों में 
ए भगत सिंह तू ज़िंदा है 

                   - शीतल साथे 

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