अपने लिये जिये तो क्या जिये


अपने लिये जिये तो क्या जिये 
(सरगम ) 

अपने लिये जिये तो क्या जिये 

सा सा सा सा ,सा सा सा सा रे ग ,रे सा 

अपने लिये जिये तो क्या जिये 

सा सा सा सा ,सा सा सा सा रे ग

तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये

ग प , रे म , ग रे ग रे सा सा 

अपने लिये जिये तो क्या जिये



हिम्मत बुलंद है अपनी

प प प प प प ध प म,

पत्थर सी जान रखते हैं 

म म म म म म प  म ग 

कदमों तले ज़मीं तो क्या

सां  सां  सां प  ध ध  ध ,

हम आसमान रखते हैं

म ध  ध  नि ध प प म ग रे सा 

गिरते हुओं को उठाने के लिये

सा सा सा सा ,सा सा सा सा रे ग ,रे सा 

तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये

ग प , रे म , ग रे ग रे सा सा 

अपने लिये जिये तो क्या जिये
..... 

अपने लिये जिये तो क्या जिये (CHORDS)

(E)अपने लिये जिये तो क्या जिये 
(E)अपने लिये जिये तो क्या जिये 
तू (B)जी ऐ (A)दिल ज़(E)माने के लिये
(E)अपने लिये जिये तो क्या जिये

(E) हिम्मत बुलंद है अपनी 
(A)पत्थर सी जान रखते (E)हैं 
(E)कदमों तले (A)ज़मीं तो क्या
(D)हम आसमान (E)रखते हैं
(E) गिरते हुओं को उठाने के लिये
तू (B)जी ऐ (A)दिल ज़(E)माने के लिये
(E)अपने लिये जिये तो क्या जिये

अपने लिये जिये तो क्या जिये ( LYRICS)

अपने लिये जिये तो क्या जिये 
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

हिम्मत बुलंद है अपनी
पत्थर सी जान रखते हैं 
कदमों तले ज़मीं तो क्या
हम आसमान रखते हैं
गिरते हुओं को उठाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

बाज़ार से ज़माने के कुछ भी न हम खरीदेंगे 
हाँए बेचकर खुशी अपनी
लोगों के ग़म खरीदेंगे
बुझते दिये जलाने के लिये 
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

अपनी खुदी को जो समझा
उसने खुदा को पहचाना 
आज़ाद फ़ितरते इनसां
अन्दाज़ क्यों ग़ुलामाना
सर ये नहीं झुकाने के लिये 
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये

नाकामियों से घबरा के
तू  क्यों उदास होते हो
मैं हम्सफ़र तुम्हारा हूँ
तुम क्यों उदास होते हो
हँसते रहो हँसाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये 

चल आफ़ताब लेकर चल
चल महताब लेकर चल
तू अपनी एक ठोकर में
सौ इन्क़लाब लेकर चल
ज़ुल्म और सितम मिटाने के लिये
तू जी ऐ दिल ज़माने के लिये
अपने लिये जिये तो क्या जिये 

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