है कहां का इरादा तुम्हारा सनम

है कहां का इरादा तुम्हारा सनम 

शेर-
आज की बात फिर नहीं होगी 
ये मुलाक़ात फिर नहीं होगी
ऐसे बादल तो फिर भी आएंगे 
ऐसी बरसात फिर नहीं होगी

शेर-
रात उनको भी यूं हुआ महसूस 
जैसे ये रात फिर नहीं होगी
एक नज़र मुड़ के देखने वाले 
क्या ये खैरात फिर नहीं होगी

शेर-
शब-ए-ग़म की सहर नहीं होती 
हो भी तो मेरे घर नहीं होती
ज़िंदगी तू ही मुख़्तसर हो जा 
शबे ग़म मुख़्तसर नहीं होती

शेर-
राज़दारों से बचके चलता हूं 
ग़मगुसारों से बचके चलता हूं
मुझको धोका दिया सहारों ने 
अब सहारों से बचके चलता हूं

शेर-
मैंने मासूम बहारों में तुम्हें देखा है 
मैंने पुरनूर सितारों में तुम्हें देखा है
मेरे महबूब तेरी पर्दानशीनीं  की क़सम 
मैंने अश्क़ों की कतारों में तुम्हें देखा है

शेर- 
हम बुतों से जो प्यार करते हैं 
नक़्ल.ए.परवरदिगार करते हैं
इतनी कसमें न खाओ घबराकर जाओ हम ऐतबार करते हैं
अब भी आ जाओ कुछ नहीं बिगड़ा 
अब भी हम इंतज़ार करते हैं

शेर-
साज़े हस्ती बजा रहा हूं मैं 
जश्ने मस्ती मना रहा हूं मैं
क्या अदा है निसार होने की 
उनसे पहलू बचा रहा हूं मैं 
कितनी पुख़्ता है मेरी नादानी
तुझको तुझसे छुपा रहा हूं मैं
दिल डुबोता हूं चश्म-ए-साक़ी में 
मय को मय में मिला रहा हूं मैं

शेर-
न हम समझे न तुम आए कहीं से
पसीना पोंछिए अपनी जबीं से


है कहां का इरादा तुम्हारा सनम 
किसके दिल को अदाओं से बहलाओगे
सच बताओ के इस चांदनी रात में
किससे वादा किया है कहां जाओगे

देखो अच्छा नहीं है तुम्हारा चलन 
ये जवानी के दिन और ये शोखियां
यूं न आया करो बाल खोले हुए 
वरना दुनिया में बदनाम हो जाओगे

आज जाओ न बेचैन करके मुझे
 जानेजां दिल दुखाना बुरी बात है

ये बुरी बात है, जानेजां दिल दुखाना, बुरी बात है...  

शेर-
ज़ुल्फ़ रुख से हटा के बात करो 
रात को दिन बना के बात करो
मैकदे के चराग़ मद्दम हैं 
ज़रा आंखें उठा के बात करो

ये बुरी बात है, जानेजां दिल दुखाना, बुरी बात है...  

शेर-
फूल कुछ चाहिए हुज़ूर हमें 
तुम ज़रा मुस्कुरा के बात करो
ये भी अंदाज़े गुफ़्तगू है कोई 
जब करो दिल दुखा के बात करो

ये बुरी बात है, जानेजां दिल दुखाना, बुरी बात है...  



आज जाओ न बेचैन करके मुझे
जानेजां दिल दुखाना बुरी बात है
हम तड़पते रहेंगे यहां रात भर 
तुम तो आराम की नींद सो जाओगे

पास आओ तो तुमको लगाएं
मुस्कुराते हो क्यूं दूर से देखकर
यूं ही गुज़रे अगर ये जवानी के दिन 
हम भी पछताएंगे, तुम भी पछताओगे

बेवफ़ा बेमुरव्वत है उनकी नज़र 
ये बदल जाएंगे ज़िंदगी लूटकर
हुस्न वालों से दिल को लगाया अगर 
ऐ फ़ना देखो बेमौत मर जाओगे 

है कहां का इरादा तुम्हारा सनम
किसके दिल को अदाओं से बहलाओगे
..... 

No comments:

Post a Comment