वो हटा रहें हैं पर्दा- नुसरत
वो हटा रहें हैं पर्दा
सर-ए-बाम छुपके-छुपके
मैं नज़ारा कर रहा हूँ
सर-ए-शाम छुपके-छुपके
ये झुकीं झुकीं निगाहें
ये हसीन हसीन इशारे
मुझे दे रहें हैं शायद
वो पयाम छुपके-छुपके
न दिखाओ चलते चलते
यूँ कदम कदम पे शोखी
कोई क़त्ल हो रहा है
सर-ए-आम छुपके-छुपके
कभी शोखियाँ दिखाना
कभी उनका मुस्कुराना
ये अदाएं कर न डाले
मेरा काम छुपके-छुपके
ये जो हिचकिया मुसलसल
मुझे आ रही है आलम
कोई ले रहा है शायद
मेरा नाम छुपके-छुपके
वो हटा रहें हैं पर्दा
सर-ए-बाम छुपके-छुपके
.....
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