नजरिया -
अगर ईसा मसीह के जन्म का स्तुतिगान करनेवाले सन्त न होते बल्कि सन्तनियाँ होतीं तो क्या होता? वे बतातीं कि ईसा के जन्म के समय मौजूद सन्त खोसे दरअसल उदास थे। उस पूरे खुशी के उत्सव में जहाँ नवजात ईसा अपने दिव्य आभा के साथ थे, सिर्फ सन्त खोसे ही उदास थे। वर्जिन मेरी, फरिश्ते, चरवाहे, भेड़ें, पूरब से आये सन्त सभी तो खुश थे सिर्फ सन्त खोसे के अलावा। पूछे जाने पर वह बोले ‘‘मुझे पुत्री चाहिए थी।’’
-एदुआर्दो गालेआनो
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